कांसे के बर्तन में भोजन करने से होने वाले फायदे और कांस्य का महत्त्व
ज्यादातर घरों में स्टील या एल्युमिनियम के बर्तन यूज़ किये जाते है। पहले ज़माने के लोग भोजन तांबे या पीतल के बर्तन में पकाते थे। लेकिन विकास के साथ सभी के रहने और खाने का ढंग भी बदल गया है। आजकल शादियों या पार्टियों में फाइवर या प्लास्टिक में खाना खाया जाता है, जो हमारे हेल्थ और हमारे घर के लिए अच्छा नहीं होता। आज हम आपको बताएंगे कि कौन सी और कैसी थालियों में भोजन करने से आपको लाभ मिल सकता है, तो चलिए हम आपको बताते है की कौन सी थाली में भोजन करने से आपको लाभ मिलेगा।
घरों में ऐसे बर्तनों का महत्व-
-केले के पत्तल में भोजन करना शुभ माना गया है प्राचीन काल में लोग पत्तल में ही भोजन किया करते थे पत्तल में भोजन करने से पेट सम्बंधित बिमारिया दूर होती है। शरीर से जहरीले पदार्थ आदी नष्ट हो जाते है।
-लोहे के बर्तन में खाना खाने से शरीर में हानिकारक तत्व समाप्त हो जाते है और शरीर में लोहे की मात्रा बढती है पाचनक्रिया संबंधित दिक्कते खत्म हो जाती हैं।
-कांसे के बर्तन में भोजन करने से दिमाग तेज होता है रक्त पित्त ठीक रहता है। पीतल व सुंदर बर्तन उपयोग करने व इनमें भगवान विष्णु को भोग लगाने से घर में हमेशा बरकत रहती है।
-यदि आपको महंगे बर्तन में भोजन करना पसंद है तो आप चांदी के बर्तन में भोजन कर सकते है चांदी को ठंडी धातु माना जाता है इसलिए चांदी के बर्तन में भोजन करने से शरीर ठंडा रहता है और आंखें स्वस्थ रहती हैं।
-मिटटी के बर्तन में पका हुआ भोजन करने से स्वास्थ्य आदी चिंताओं से मुक्ति मिलती है, और मिटटी के बर्तन में पका हुआ भोजन बहुत स्वादिष्ट और पोष्टिक होता है।
-केले के पत्तल में भोजन करना शुभ माना गया है प्राचीन काल में लोग पत्तल में ही भोजन किया करते थे पत्तल में भोजन करने से पेट सम्बंधित बिमारिया दूर होती है। शरीर से जहरीले पदार्थ आदी नष्ट हो जाते है।
-लोहे के बर्तन में खाना खाने से शरीर में हानिकारक तत्व समाप्त हो जाते है और शरीर में लोहे की मात्रा बढती है पाचनक्रिया संबंधित दिक्कते खत्म हो जाती हैं।
-कांसे के बर्तन में भोजन करने से दिमाग तेज होता है रक्त पित्त ठीक रहता है। पीतल व सुंदर बर्तन उपयोग करने व इनमें भगवान विष्णु को भोग लगाने से घर में हमेशा बरकत रहती है।
-यदि आपको महंगे बर्तन में भोजन करना पसंद है तो आप चांदी के बर्तन में भोजन कर सकते है चांदी को ठंडी धातु माना जाता है इसलिए चांदी के बर्तन में भोजन करने से शरीर ठंडा रहता है और आंखें स्वस्थ रहती हैं।
-मिटटी के बर्तन में पका हुआ भोजन करने से स्वास्थ्य आदी चिंताओं से मुक्ति मिलती है, और मिटटी के बर्तन में पका हुआ भोजन बहुत स्वादिष्ट और पोष्टिक होता है।
कांस्य का महत्व
चिकित्सा के रूप में कांस्य भस्म हल्की, उष्ण तथा शरीर की वसा को कम करने वाली मानी गई है। भस्म तथा अनेक औषधियों के साथ संयोजन करने पर कांस्य कृमि रोग, चर्म रोग, कुष्ठ रोग तथा नेत्र रोगों में गुणकारी माना गया है। कांस्य भस्म से चिन्तामणि रस, नित्यानन्द रस, मकर ध्वज वटी तथा मेघनाथ रस जैसे अनेक आयुर्वेदीय औषध योग बनाए जाते हैं।
चिकित्सा के रूप में कांस्य भस्म हल्की, उष्ण तथा शरीर की वसा को कम करने वाली मानी गई है। भस्म तथा अनेक औषधियों के साथ संयोजन करने पर कांस्य कृमि रोग, चर्म रोग, कुष्ठ रोग तथा नेत्र रोगों में गुणकारी माना गया है। कांस्य भस्म से चिन्तामणि रस, नित्यानन्द रस, मकर ध्वज वटी तथा मेघनाथ रस जैसे अनेक आयुर्वेदीय औषध योग बनाए जाते हैं।
From where we could purchase it
ReplyDeleteHame kase ka chhla chHiye
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